मौन(कविता)
एक बिंदु से बनी सृष्टि सृष्टि ने सृजन किया सूर्य का सूर्य की किरणों ने बनाये तरुवर,हरित से तरुवर, तरु ने विकसित किये सुमन सुमन से निकली सुगंध ये सगंध थी प्रेम की, अथाह प्रेम की प्रेम ने जकड़ लिया हमें हम तुम प्रेम के दो हिस्से बने प्रेम की पराकाष्ठा में पनपा मौन और मौन है हमारे बीच का सबसे खूबसूरत बिंदु © सेमवाल जी नवोदय वाले