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Showing posts from January, 2022

जीवन

  जीवन के  कुछ क्षण मेरे लिए पीले रंग के जैसे थे क्योंकि मेरे जीवन में प्रेम  आ रहा था और प्रेम का रंग पीला होता है , पीला रंग अक्सर दर्शाता है कि नया सृजन होने को है जैसे वसंत का आना जिसमें एक नई सृष्टि का सृजन और विकास होता है और पीला रंग होता है सूर्य की किरणों का जो हर दिन आकर पूरी पृथ्वी में जीवन का संचार और जीवन का निर्माण करती है ठीक इसी तरह प्रेम भी पीले रंग का होता है क्योंकि वो हमारे भीतर एक नए व्यक्तित्व का सृजन और विकास करता है , आप प्रेम को अन्य रंगों के साथ जोड़ सकते है जैसे कि लाल रंग जो कि प्रेम की उच्चतम सीमा है जहां पर प्रेमियों की आत्मा एकरूपी हो जाती है और गुलाबी रंग में दिखता है प्रेम का उल्हास और संभावनाएं .. लेकिन इन सब को बाहर से थामे हुए प्रेम का रंग पीला होता है ...... सेमवाल जी नवोदय वाले

फूल पत्ती

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  फूल पत्ती और , हथेलियों मे प्रेम  मुट्ठी बंद की तो प्रेम मेरा  मुट्ठी खोली तो प्रेम ईश्वर का  -सेमवाल जी नवोदय  वाले  

जनवरी की बारिश

 बाहर बारिश हो रही थी, जनवरी की बारिश ,वैसे आजकल मौसम बड़ा ही ठंडा था और बारिश ने तो हाल और बुरे कर दिये थे, मैं अपने कमरे में बैठा हुआ खिड़की से बाहर देख रहा था ,मैं दूसरी मंजिल पर रहता हूँ मेरे कमरे के आगे एक छत है जिस से पूरे कस्बे का दृश्य साफ दिखता है, और नदी पार तक सारा दृश्य बारिश के बीचों बीच मैं अपने कमरे में बैठा देख रहा था । तभी क्या देखता हूँ अंतरा बाहर बारिश में जा रही है, ये लड़की बारिश को देखकर पागल सी हो जाती थी जब कभी बारिश होती तो चिनखी(बकरी का छोटा सा बच्चा, जो बहुत प्यारा होता है) की तरह भा बारिश में उछल कूद  करने लगती थी, वो मेरे बगल वाले कमरे में रहती थी, अक्सर हम दोनों छत में बैठे हुए रहते थे जब भी धूप रहती थी तो इस वक़्त तो बिल्कुल अलग हाल थे। अंतरा बारिश में कुछ और ही बन जाती थी उसके अंदर का अंतर्मुखी सा छोटा बच्चा गायब सा हो जाता था ओर एक शैतान चंचल और नटखट सी अंतरा बारिश में भीगते हुए मेरे सामने थी, वो एक दम चिनखी लग रही थी कभी इस कोने खेल रही थी कभी उस कोने पर , उछल कूद में व्यस्त । मैं उसको यूँ देखता ही रह गया , और सब कुछ भूल गया जैसा कि अक्सर होता था ...