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तुम्हारे लिए प्रेम पत्र

मेरी प्रियतमा, कैसी हो तुम??उम्मीद करता हूँ तुम अच्छी होगी, मैं भी सही हूँ। आज तुम्हें अधखिले और अधभरे मन से पत्र लिख रहा हूँ,अधभरा मन इसलिए कि मेरा मन इस बात को लेकर भर आता है कि हम तुम अब साथ नहीं हैं, जीवन के उतार चढ़ावों में शायद हम दोनों एक दूसरे को संभाल नहीं सकें,हमने एक दूसरे के हाथों को कसकर नहीं थामा होगा तभी हमारे हाथ छूट गये होंगे,और हमारा साथ भी छूट गया। मेरा मन अधखिला इसलिए है कि मेरे पास प्रेमिका तो नहीं है, लेकिन प्रेम बहुत सारा है,तुम्हारा प्रेम,हमारा प्रेम, प्रेम जिसने मेरे जीवन की सारी परिभाषाएँ बदल दी है।तुम्हारे साथ बिताये खुशियों के पल मेरे लिए मानो नीले से आसमान में गुलाबी बादलों की तरह थे,जो सिर्फ सुहाना मौसम ही नहीं लाये बल्कि मेरे जीवन में वो क्षण लाये थे जिन्होंने मुझे एक आम लड़के से इंसान बनाया है, मुझे जीना सिखाया है। तुम्हारे मुझ से अलग हो जाने के बाद वो सारे गुलाबी बादल काले से हो गये हैं, ये बहुत बड़ी उपमा हो सकती है लेकिन मैं ऐसा नहीं कहता कि काले बादलों से जीवन में कुछ बुरा हुआ है, ये तो शायद कले रंग के साथ नाइंसाफी होगी क्योंकि उसका भी अपना अस्तित्व ...