तुम बहुत याद आते हो
तुम बहुत याद आते हो मेरी रातो को दिन दिनों को रात कर जाते हो तुम मुझे बहुत याद आते हो ना अब हम तुम्हारे ना अब तुम तुम्हारे पर ख्वाबो से भी तुम ना जाते हो तुम बहुत याद आते हो यादों में आकर क्यों तुम सताते हो किसी और को सताओ ना तुम हमें ही क्यों पाते हो तुम हमें बहुत याद आते हो जब भी याद आते हो आँखें मेरी नम कर जाते हो तुम हमें बहुत याद आते हो आकर याद,सर्द सी हवाएं बिखेर जाते हो ना जाने कौन सा सावन हो बिना मौसम तुम यादें बरसाते हो तुम बहुत याद आते हो कितनी भी मुस्कान रख लू होंठों पर कैसे ना कैसे तुम बहुत रुलाते हो तुम बहुत याद आते हो तुम बहुत याद आते हो। ©अभिषेक सेमवाल