इश्क तेरा-2
इश्क़ तेरा-2
मैँ सूखा सा पत्ता पतझड़ में
हरी भरी डाली सा इश्क़ तेरा
मै चलती हवाओ सा शोख बड़ा
पहाड़ सा निश्चल इश्क़ तेरा
मै पीर के सागर में डूबा हूँ
उसमें हंसी की फुहार सा इश्क़ तेरा
तू देवी है उस पार जहाँ की
पार जहाँ का है इश्क़ तेरा
मैं कफिर सा भटकता फिरू
मेरे सफर की मंजिल है इश्क़ तेरा
मैँ अनपढ सा एक शायर हूँ
ज्ञानी के ज्ञान सा ये इश्क़ तेरा
मैं बंद कमरे का दिया सा रोशन
पुरे जग के उजियारे सा है इश्क़ तेरा
मैं पहली बार की ही हामी सा
नन्हें बच्चे की जिद सा ये इश्क़ तेरा
मैँ हर इम्तिहान में आखिरी हूँ
जैसे सबसे पहले है इश्क़ तेरा
©अभिषेक सेमवाल
मैँ सूखा सा पत्ता पतझड़ में
हरी भरी डाली सा इश्क़ तेरा
मै चलती हवाओ सा शोख बड़ा
पहाड़ सा निश्चल इश्क़ तेरा
मै पीर के सागर में डूबा हूँ
उसमें हंसी की फुहार सा इश्क़ तेरा
तू देवी है उस पार जहाँ की
पार जहाँ का है इश्क़ तेरा
मैं कफिर सा भटकता फिरू
मेरे सफर की मंजिल है इश्क़ तेरा
मैँ अनपढ सा एक शायर हूँ
ज्ञानी के ज्ञान सा ये इश्क़ तेरा
मैं बंद कमरे का दिया सा रोशन
पुरे जग के उजियारे सा है इश्क़ तेरा
मैं पहली बार की ही हामी सा
नन्हें बच्चे की जिद सा ये इश्क़ तेरा
मैँ हर इम्तिहान में आखिरी हूँ
जैसे सबसे पहले है इश्क़ तेरा
©अभिषेक सेमवाल
भाई छा गया तू ����
ReplyDeleteGjb bhai...
ReplyDeleteSaccha aashiq
ReplyDeleteWaah mere sheer ...
ReplyDeleteKhub aage chla gya mjse..
Level up...d bhai mere ..
Dher Sara pyar is kvita Ko or...
Bhut Sara aashirvad tere liye
Lgta h ek dum scha h.... Heer ke Ranjha sa Ishq tera.... Likhte rho bhai hm tumhare sath hain ✌️❤️
ReplyDeleteGjb mere bhai👌👌
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