Gajhal..


लाख गम सीने में दफ़न किये चल रहे है
लबो पर बनावटी मुस्कान लिए चल रहे है

लुटा आये सारी वफ़ा यार के दार पर
जमाना कहता है  की आप बदल रहे है

जो ठोकरें खाई थी बहुत सारी हमने
बड़ी मुश्किलों से तो अब संभल रहे है

पार कैसे किया राहों को ,ये हम जानते है
जमाना कहता है आप बदल रहे है

सोहबत थी कुछ ऐसी जनाब की हमारी
अभी तक अपनी किस्मत से जल  रहे है

आक़िबत अपना कब का सब अना  हुआ
और जमाना कहता है की आप बदल रहे है

आकिबत=भविष्य,अना=खत्म

©अभिषेक सेमवाल

Comments

  1. Ye sabd sare ...Teri ißss jubaan se jo nikle HN...
    Singdi dwara kre gye Sitam Ko chupate hue na chupane Ko khe ja re hain🤣🤣

    ReplyDelete

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