तुम भी जरा मुस्कुराओ ना
इन तन्हा तन्हा उदास सी रातों में
तुम भी जरा मुस्कुराओ ना
बड़ी बोझल सी लग रही है कहानी ये
तुम कुछ तो इश्क़ गुनगुनाओ ना
अल्फाज बिखरे से पड़े हैं जिंदगी के पन्नों पर
तुम भी कुछ दोहराओ ना
अगर सुन सकते हो बातें मेरी ये सब
दौड़ कर मेरे पास आ जाओ ना
भूल जाऊं सारे गम सितम अहले करम
तुम कुछ यूं मुझे गले लगाओ ना
©सेमवाल जी नवोदय वाले
काबिले तारीफ। सेमवाल जी नवोदय वाले 🙏
ReplyDeleteबवाल लिखते हो बे👌😍
ReplyDeleteKhub likha hai jnb😍😎
ReplyDelete❤️👌
ReplyDeleteGazab semwal bhai ♥️♥️
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