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COMFORT ZONE

 बात है कम्फर्ट जोन की, जब आप किसी प्रकार का कम्फर्ट जोन बना लेते है  वो कम्फर्ट जोन  कोई शख्स हो सकता है  या कोई चीज हो  सकती है या कई बार आपकी कोई आदत भी वो हो सकती है मतलब आप उस चीज के साथ आप अपना हर क्षण बिताना चाहते हैं यही तो जादू होता है कम्फर्ट जोन में , और आप उसे छोड़ना नही चाहते हैं, या उस चीज से दूर नहीं होना चाहते हैं... यही बात कई बार आपको  जीवन में  कोई ठोस कदम उठाने से रोक देता है या कुछ बेहतर करने से रोक देता है।  कितना कुछ बदल देता है किसी चीज का कम्फर्ट ज़ोन  और जब वो कम्फर्ट जोन किसी भी कारण से आपके पास नहीं होता या दूर हो जाता है तो जिंदगी में काफी उठा पटक होने लगती है, और जिंदगी पटरी से उतरी हुई हो जाती है, और अक्सर ये सब बातें किसी की भी जिंदगी में बहुत बदलाव लाती है जो कि आमतौर पर निराशावादी ही होते हैं,लोग अपने जीवन में बहुत ही छोटी  छोटी चीजों पर अपना धैर्य ,अपनी उम्मीदें खो देते हैं और ये सब होता है बस कुछ भूत काल में लिए गये गलत फ़ैसलों के कारण। अब मान लीजिये इस वक़्त मैं कोई नया शौक पाल लेता हूँ जो समय के हिस्से म...

तुम्हारे लिए प्रेम पत्र

मेरी प्रियतमा, कैसी हो तुम??उम्मीद करता हूँ तुम अच्छी होगी, मैं भी सही हूँ। आज तुम्हें अधखिले और अधभरे मन से पत्र लिख रहा हूँ,अधभरा मन इसलिए कि मेरा मन इस बात को लेकर भर आता है कि हम तुम अब साथ नहीं हैं, जीवन के उतार चढ़ावों में शायद हम दोनों एक दूसरे को संभाल नहीं सकें,हमने एक दूसरे के हाथों को कसकर नहीं थामा होगा तभी हमारे हाथ छूट गये होंगे,और हमारा साथ भी छूट गया। मेरा मन अधखिला इसलिए है कि मेरे पास प्रेमिका तो नहीं है, लेकिन प्रेम बहुत सारा है,तुम्हारा प्रेम,हमारा प्रेम, प्रेम जिसने मेरे जीवन की सारी परिभाषाएँ बदल दी है।तुम्हारे साथ बिताये खुशियों के पल मेरे लिए मानो नीले से आसमान में गुलाबी बादलों की तरह थे,जो सिर्फ सुहाना मौसम ही नहीं लाये बल्कि मेरे जीवन में वो क्षण लाये थे जिन्होंने मुझे एक आम लड़के से इंसान बनाया है, मुझे जीना सिखाया है। तुम्हारे मुझ से अलग हो जाने के बाद वो सारे गुलाबी बादल काले से हो गये हैं, ये बहुत बड़ी उपमा हो सकती है लेकिन मैं ऐसा नहीं कहता कि काले बादलों से जीवन में कुछ बुरा हुआ है, ये तो शायद कले रंग के साथ नाइंसाफी होगी क्योंकि उसका भी अपना अस्तित्व ...

जीवन

  जीवन के  कुछ क्षण मेरे लिए पीले रंग के जैसे थे क्योंकि मेरे जीवन में प्रेम  आ रहा था और प्रेम का रंग पीला होता है , पीला रंग अक्सर दर्शाता है कि नया सृजन होने को है जैसे वसंत का आना जिसमें एक नई सृष्टि का सृजन और विकास होता है और पीला रंग होता है सूर्य की किरणों का जो हर दिन आकर पूरी पृथ्वी में जीवन का संचार और जीवन का निर्माण करती है ठीक इसी तरह प्रेम भी पीले रंग का होता है क्योंकि वो हमारे भीतर एक नए व्यक्तित्व का सृजन और विकास करता है , आप प्रेम को अन्य रंगों के साथ जोड़ सकते है जैसे कि लाल रंग जो कि प्रेम की उच्चतम सीमा है जहां पर प्रेमियों की आत्मा एकरूपी हो जाती है और गुलाबी रंग में दिखता है प्रेम का उल्हास और संभावनाएं .. लेकिन इन सब को बाहर से थामे हुए प्रेम का रंग पीला होता है ...... सेमवाल जी नवोदय वाले

फूल पत्ती

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  फूल पत्ती और , हथेलियों मे प्रेम  मुट्ठी बंद की तो प्रेम मेरा  मुट्ठी खोली तो प्रेम ईश्वर का  -सेमवाल जी नवोदय  वाले  

जनवरी की बारिश

 बाहर बारिश हो रही थी, जनवरी की बारिश ,वैसे आजकल मौसम बड़ा ही ठंडा था और बारिश ने तो हाल और बुरे कर दिये थे, मैं अपने कमरे में बैठा हुआ खिड़की से बाहर देख रहा था ,मैं दूसरी मंजिल पर रहता हूँ मेरे कमरे के आगे एक छत है जिस से पूरे कस्बे का दृश्य साफ दिखता है, और नदी पार तक सारा दृश्य बारिश के बीचों बीच मैं अपने कमरे में बैठा देख रहा था । तभी क्या देखता हूँ अंतरा बाहर बारिश में जा रही है, ये लड़की बारिश को देखकर पागल सी हो जाती थी जब कभी बारिश होती तो चिनखी(बकरी का छोटा सा बच्चा, जो बहुत प्यारा होता है) की तरह भा बारिश में उछल कूद  करने लगती थी, वो मेरे बगल वाले कमरे में रहती थी, अक्सर हम दोनों छत में बैठे हुए रहते थे जब भी धूप रहती थी तो इस वक़्त तो बिल्कुल अलग हाल थे। अंतरा बारिश में कुछ और ही बन जाती थी उसके अंदर का अंतर्मुखी सा छोटा बच्चा गायब सा हो जाता था ओर एक शैतान चंचल और नटखट सी अंतरा बारिश में भीगते हुए मेरे सामने थी, वो एक दम चिनखी लग रही थी कभी इस कोने खेल रही थी कभी उस कोने पर , उछल कूद में व्यस्त । मैं उसको यूँ देखता ही रह गया , और सब कुछ भूल गया जैसा कि अक्सर होता था ...