COMFORT ZONE

 बात है कम्फर्ट जोन की, जब आप किसी प्रकार का कम्फर्ट जोन बना लेते है  वो कम्फर्ट जोन  कोई शख्स हो सकता है  या कोई चीज हो  सकती है या कई बार आपकी कोई आदत भी वो हो सकती है मतलब आप उस चीज के साथ आप अपना हर क्षण बिताना चाहते हैं यही तो जादू होता है कम्फर्ट जोन में , और आप उसे छोड़ना नही चाहते हैं, या उस चीज से दूर नहीं होना चाहते हैं... यही बात कई बार आपको  जीवन में  कोई ठोस कदम उठाने से रोक देता है या कुछ बेहतर करने से रोक देता है।

 कितना कुछ बदल देता है किसी चीज का कम्फर्ट ज़ोन 

और जब वो कम्फर्ट जोन किसी भी कारण से आपके पास नहीं होता या दूर हो जाता है तो जिंदगी में काफी उठा पटक होने लगती है, और जिंदगी पटरी से उतरी हुई हो जाती है, और अक्सर ये सब बातें किसी की भी जिंदगी में बहुत बदलाव लाती है जो कि आमतौर पर निराशावादी ही होते हैं,लोग अपने जीवन में बहुत ही छोटी  छोटी चीजों पर अपना धैर्य ,अपनी उम्मीदें खो देते हैं और ये सब होता है बस कुछ भूत काल में लिए गये गलत फ़ैसलों के कारण। अब मान लीजिये इस वक़्त मैं कोई नया शौक पाल लेता हूँ जो समय के हिस्से में तो अच्छा हो सकता है लेकिन क्या पता आगे भविष्य में वो चीज मेरे लिए जी का जंजाल बन जाये, ठीक यही बात हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के कम्फर्ट जोन पर भी लागू होती है  इसलिए सोच समझ कर किसी भी कम्फर्ट जोन में कदम रखिये,किसी भी प्रकार की सुखदायक वस्तु को अपने जीवन में लाने से पहले वक़्त दीजिये समझिये की इसका भविष्य और आपके जीवन पर लम्बे  समय तक क्या असर पड़ेगा........ और हाँ ज़िंदगी के हर क्षण के आनंद लीजिये, एक बार मिला है मजे से बिताइये...


©सेमवाल जी नवोदय वाले


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Comments

  1. बिल्कुल सत्य महाराज
    परन्तु आजकल की युवा पीढ़ी एक बार उस जोन में पहुंच जाती है और जब समय भी नही रहता तब उससे बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है ।

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