आभा
बिल्कुल सादे सूट सलवार में,न चेहरे पर पाउडर की चमक ना होंटो पर हल्की गुलाबी लाली ना चेहरे पर दीप्त मुस्कान,बिल्कुल काया पलट हो गया मानो, ये वही लड़की है जिसे मैं जानता हँ की मेकअप और कपड़ो के लिए कहीं बाहर जाना तक कैंसल कर देती थी और आज मेरे सामने बिल्कुल सादी सी वेशभूषा में खड़ी थी,मैं बिल्कुल अचंभे में था और मेरा चौंक जाना लाजमी था ये वही लड़की थी जो कॉलेज के दिनों में इतनी जिंदा दिल और हंसमुख सी लड़की हुआ करती थी आज बहुत ही संजीदा और शांत लग रही थी।
मैं उससे पूछना चाहता था की ये जो मैं देख रहा हूँ ये सब हाल तुमने क्यों और कैसे बना लिया है।
तो कहानी शुरु हुई जब कॉलेज की शुरुआत में तो मेरी मुलाक़ात आभा से हुई थी,और यूँ कहूँ की पहली नजर में उसके लिए मेरे दिल में तितलियाँ उड़ने लगी थी,लेकिन मैं तो भंवरा बन कर किसी और फूल की ओर उड़ गया,फिर वक़्त बीता और मेरा प्रेम का फूल मुरझा गया और मैंने दिल टूटे आशिक की डिग्री पा ली,ये तो हुई मेरी कहानी लेकिन ये कहानी तो आभा की है ।
आभा के बारे में जितना जान सका वो सब मेरी कुछ सखियों के बदौलत है,वैसे मेरी कुछ बातचीत होती रहती थी उस से लेकिन इन चीजों मे कभी निरंतरता नहीं आ पाई ।इस बात का एहसास मुझे तब हुआ जब मेरा दिल टूटा उसके प्रति मेरी भावनाएं और मजबूत होती जा रही थी लेकिन डर भी लगता था की इस सब का हाल भी वही ना हो जाये जैसा मेरी पिछली प्रेम कहानी का हुआ है तो इसी कश्मकश में मैं कभी उसे अपने दिल की बात नहीं बता पाया,लेकिन मैंने उसके लिए कविताएं लिखी और उसे पढ़ाकर अपने दिल के अरमान पूरे कर लिए थे और शायद इस एकतरफा लगाव में ये मेरा सबसे अच्छा अनुभव था।
कभी कभी ये जरूरी नहीं होता कि हम अपने दिल का हाल उसे बताये या कोशिश करें कि वो भी महसूस करें कि हम क्या सोच रहे हैं,और एक तरफा जज्बातों की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि इसकी हर चीज हर बात हमारे ही पास रहती है,उसकी अच्छी यादें उसके साथ बिताये पल हमारे दिल के किसी कोने में हमेशा के लिए रहते है और इन एकतरफा जज्बातों का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये कभी भी दूसरे शख्स को नुक्सान नहीं करते हैं।
इन सब के बीच कॉलेज भी खत्म हो गया,वक़्त तो बस छः महीने बीते थे पर मेरे लिए तो जैसे एक सदी सी बीत गयी थी और आभा का यूं इस तरह दिखना मुझे झकजोर देने वाला था मैं उसे कहना चाह रहा था कि बस अब तुम और मैं हूँ और जो कुछ मेरे साथ हुआ या जो कुछ तुम पर बीती होगी मैं जानता तो नहीं लेकिन मैं और तुम मिलकर सब सही कर देंगें।
मैंने ये सब चीजे अपनी एक दोस्त को बताया या यूं कहूँ जिसे मैं सब कुछ बताता था जो कि मेरी भावनात्मक सलाहकार थी, उसे सब कुछ पता था मेरी और आभा की कहानी तो जैसे कि मुझे उम्मीद थी वो मेरी लिए आभा से बात करेगी और उसे जो कुछ उसे पता चला उसने मुझे बताया तो मेरे लिए दिल तोड़ देने वाला था।
आभा की शादी होने वाली थी,और वो भी उसकी मर्जी के खिलाफ और उसके सामने ऐसे हालात आ गये थे कि उसे मजबूरी में अपने घर वालों की बात मान ली थी।
ये सिर्फ आभा की ही नहीं हर लड़की की कहानी है,एक लड़की अपने घर वालों की खुशी के लिये अपना स्वाभाव ,अपने सपने ,अपनी हँसी,अपनी खुशी सब कुछ छोड़ कर किसी अनजाने से बंधन में बंधने को तैयार हो जाती है, और आभा जैसी लड़की जिसकी पहचान उसकी हंसी उसकी जिंदादिली थी वो एक शांत और सुलझी हुई स्त्री के रूप मे ढल चुकी थी शायद उसने इसी को अपनी मंजिल मान लिया था।
-सेमवाल जी नवोदय वाले
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